सहारनपुर में पिछले दो वर्षों में आयोजित किये गये पुस्तक मेले की अपार सफलता को देखते हुए पुस्तक मेला आयोजन समिति ने इस बार और अधिक कल्पनाशीलता का परिचय देते हुए इस वर्ष सहारनपुर पुस्तक मेले को ’कला, संस्कृति और साहित्य का महोत्सव” (Saharanpur’s Literary Carnival) का स्वरूप देने का निश्चय किया है जिसमें सभी आयु वर्ग के लोगों के लिये विभिन्न आकर्षण प्रस्तुत करने का प्रयास है। यह महोत्सव आगामी शनिवार, 15 अक्तूबर को मिसाइल मैन के रूप में विख्यात भारत के अभूतपूर्व वैज्ञानिक व पूर्व राष्ट्रपति स्व. ए पी जे अब्दुल कलाम की जयन्ती के दिन आरंभ होकर 23 अक्तूबर तक गांधी पार्क व जनमंच में चलेगा।
मेले का शुभारंभ मोटर साइकिल रैली से होगा जिसमें युवाओं के दिल की धड़कन हार्ले डेविडसन जैसी मोटरसाइकिल सहारनपुर को रोमांचित करती हुई सड़कों पर निकलेंगी। सहारनपुर के सभी स्कूलों के बच्चों को पुस्तक मेले से जोड़ने के लिये अनेकानेक प्रतियोगिताएं / कार्यशालाएं / मनोरंजक व ज्ञानवर्द्धक कार्यक्रम मेले के दौरान मेला परिसर अथवा जनमंच में आयोजित किये जा रहे हैं जिनमें से अनेक सहारनपुर के इतिहास में पहली बार ही होंगे !
विश्व सिनेमा महोत्सव : सहारनपुर वासियों को नित्य प्रति एक ऐसी कलाकृति देखने को मिलेगी जिसको विश्व सिनेमा में मील के पत्थर के रूप में देखा जाता है। श्याम बेनेगल, चार्ली चैपलिन जैसे फिल्मकारों की रचनाएं इस महोत्सव का हिस्सा बनने जारही हैं।
दास्तांगोई : जब दुनियां में किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि एक जमाना ऐसा भी आयेगा जब कहानी सुनाई ही नहीं बल्कि चलते-फिरते बोलते चलचित्रों के माध्यम से दिखाई भी जा सकेगी, उस जमाने में लोग दास्तान सुना कर ही सबका मनोरंजन किया करते थे और दास्तांगोई व किस्सागोई एक लोकप्रिय विधा के रूप में विकसित हुईं। उस कला को आज भी कुछ कलाकार ज़िन्दा रखे हुए हैं। ऐसे ही एक कलाकार अमीर खुसरो की दास्तां पूरे अभिनय व वार्तालाप शैली के साथ उपस्थित होंगे।
विभिन्न ज्वलंत सामाजिक मुद्दों पर वार्ताएं : एसिड अटैक, जल-प्रदूषण, नारी के प्रति होने वाले अपराध आदि मुद्दों पर जन जागृति के लिये जहां एक ओर ऐसे भुक्त भोगी हमारे सम्मुख उपस्थित होंगे जिन्होंने हार कर चुप बैठ जाने के बजाय अपनी तकलीफों क वेदनाओं से ऊर्जा प्राप्त करते हुए वीरतापूर्वक मुकाबला करने का विकल्प चुना। इसके अतिरिक्त नदी-संरक्षण क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान करने वाले विमलेन्दु झा “How to Kill a River” विषय पर बोलते हुए शासन, प्रशासन और जनता को आइना दिखायेंगे।
कला प्रदर्शनी : जनमंच की कला दीर्घा में पूरे सात दिनों के लिये अद्भुत कला कृतियां आपकी व्यग्रता से प्रतीक्षा करेंगी। मेला परिसर में भी स्कूल के छात्र-छात्राओं के लिये चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
प्रतियोगिताएं व कार्यशालाएं : एनिमेशन, पोस्टर निर्माण, कचरे से कलाकृति निर्माण, नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता, काव्य प्रतियोगिता, कठपुतली शो, कहानी लेखन प्रतियोगिता, पुस्तक समीक्षा लेखन प्रतियोगिता, पेपर आर्ट, रंगोली प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता, फोटोग्राफी प्रतियोगिता, मोटिवेशनल वर्कशॉप आदि छात्र-छात्राओं को पहले भी लुभाती रही हैं, इस बार उनमें कुछ और नयी प्रस्तुतियां जोड़ी गयी हैं।
कुल मिला कर कहा जा सकता है कि आने वाला सप्ताह सहारनपुर में न सिर्फ पुस्तक प्रेमियों को आनन्दित किये रखेगा बल्कि नृत्य, संगीत, नाटक, फिल्म, साहित्य आदि से जुड़े हुए लोगों को भी लुभाए बिना नहीं रहेगा। तो फिर तैयार हैं न आप? नगर निगम, क्रेज़ी ग्रीन, सर्व शिक्षा अभियान की टीम आपके स्वागत के लिये आतुर है। आप स्वयं भी आयें, अपने परिवार व मित्रों को भी लेकर आयें और अपनी रुचि के सभी कार्यक्रमों में अवश्य शामिल हों, ऐसा आपसे अनुरोध है।